रामचरित मानस (सुन्दर कांड) | Ram Charitmanas (Sundar Kand)

By: गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas पं ० रामकृष्ण शुल्क - Pn.Ramkrishan Shulk


दो शब्द :

इस पाठ में गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन और उनके काव्य, विशेषकर 'रामचरित मानस' के बारे में जानकारी दी गई है। पाठ में बताया गया है कि तुलसीदास जी का जन्म 1134 शाका (सन् 1216) में राजापुर में हुआ। उनके माता-पिता उनके जन्म के समय चिंतित थे क्योंकि उनका जन्म विशेष परिस्थितियों में हुआ था। तुलसीदास जी ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया। उनका विवाह हुआ, लेकिन उनकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया जिससे वे बहुत दुखी हुए। इसके बाद, उन्होंने राम जी की भक्ति में लीन होकर अपना जीवन व्यतीत किया। पाठ में यह भी उल्लेख है कि तुलसीदास जी ने विभिन्न स्थानों की यात्रा की और रामचरित मानस की रचना की, जिसे उन्होंने काशी में लिखा। उनका काव्य न केवल धार्मिक बल्कि मानव जीवन की समस्याओं और कष्टों पर भी प्रकाश डालता है। तुलसीदास जी के जीवन में अनेक चमत्कारिक घटनाएँ भी हुईं, जैसे कि उन्होंने राम नाम के प्रभाव से कई लोगों की मदद की और अपने भक्तों को संकट से बचाया। वे एक महान कवि और भक्त थे, जिन्होंने अपने काव्य के माध्यम से मानवता को संदेश दिया कि राम की भक्ति से सभी दुखों का निवारण हो सकता है। इस पाठ के अंत में यह भी कहा गया है कि तुलसीदास जी का काव्य न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्ति और मानवता के लिए भी प्रेरणादायक है।


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