मध्यकालीन भारत | Madhyakalin Bharat

By: सतीष चंद्र - Satish Chandra
मध्यकालीन भारत | Madhyakalin Bharat by


दो शब्द :

यह पाठ मध्यकालीन भारत के इतिहास पर आधारित है, जिसमें भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं का अवलोकन किया गया है। इसकी रचना प्रोफ़ेसर सतीश चंद्र ने की है, जो इतिहास संपादक-मंडल के अध्यक्ष भी हैं। पाठ का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत और विश्व के इतिहास की महत्वपूर्ण प्रवृत्तियों से अवगत कराना है। उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा 12) के पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को विशेष विषयों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे उच्च शिक्षा के लिए तैयार हो सकें। पाठ्यक्रम के निर्माण में शिक्षकों और विशेषज्ञों से सलाह ली गई है। इस पुस्तक में मध्यकालीन भारत का इतिहास लगभग आठवीं शताब्दी से लेकर अठारहवीं शताब्दी के आरंभ तक के काल को दो भागों में प्रस्तुत किया गया है। इसमें भारतीय समाज और संस्कृति के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। पुस्तक में मुग़ल साम्राज्य, अफ़ग़ान आक्रमण, पानीपत की लड़ाई, अकबर का युग, और मराठों का उदय जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। इसके अलावा, पुस्तक में सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास पर भी ध्यान दिया गया है। इतिहास के इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों की गहरी समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा। इस पाठ के अंतर्गत विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं और शासकों के योगदान पर भी चर्चा की गई है, जैसे बाबर, शेरशाह, और शाहजहाँ। पाठ का उद्देश्य छात्रों को इतिहास की जटिलताओं से परिचित कराना और उन्हें इसके अध्ययन के प्रति प्रोत्साहित करना है।


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