होम्योपैथीक औषधियों का सजीव चित्रण | Pictoria l description of Homeopathic medicines

By: अज्ञात - Unknown
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दो शब्द :

यह पाठ होम्योपैथी के सिद्धांतों और औषधियों के चयन की प्रक्रिया पर केंद्रित है। इसमें यह बताया गया है कि रोगी के लक्षणों की पहचान करना और उनके अनुसार औषधियों का चयन करना कितना महत्वपूर्ण है। होम्योपैथी में, रोगी के "विशिष्ट-लक्षणों" की पहचान करना आवश्यक है, जो एक औषधि को दूसरी से अलग करते हैं। डॉ. डनहम के अनुसार, रोगी की वर्तमान स्थिति और लक्षणों के आधार पर औषधि का चयन किया जाना चाहिए। रोगी की 'शीत-प्रधान' या 'ऊष्ण-प्रधान' श्रेणी में वर्गीकृत करने से इलाज में मदद मिलती है। पाठ में यह भी बताया गया है कि लक्षणों की पहचान के लिए समय, परिस्थिति और सहायक लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, सूखी खाँसी के लक्षणों को समझकर, उन पर आधारित औषधियों का चयन किया जाता है। इस ग्रंथ का उद्देश्य होम्योपैथी के सिद्धांतों को सरलता से समझाना और औषधियों के चयन की प्रक्रिया को स्पष्ट करना है, ताकि चिकित्सक रोगी के लक्षणों के अनुसार सही औषधि का चुनाव कर सकें।


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