हस्त रेखा | Hast Rekha
- श्रेणी: ज्योतिष / Astrology साहित्य / Literature
- लेखक: डॉ० नारायणदत्त श्रीमाली - Dr. Narayan Dutt shrimali
- पृष्ठ : 216
- साइज: 3 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
हस्तरेखा-शास्त्र को ज्योतिष का एक कठिन क्षेत्र माना गया है, लेकिन डॉ. नारायण देत ओमाली ने इसे चित्रों के माध्यम से सरलता से प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक न केवल ठगों से बचे रहेंगे, बल्कि वे अपने और अन्य लोगों के जीवन को हाथ की रेखाओं से भी पढ़ सकेंगे। पुस्तक में विशेष रूप से चित्रों का उपयोग करके विषयों को समझाने की कोशिश की गई है, जिससे पाठकों को प्रामाणिक उदाहरणों के साथ समझ में आसानी हो। पुस्तक में कई महत्वपूर्ण अध्याय शामिल हैं, जैसे हाथ की बनावट, अंगूठे और उंगलियों का अध्ययन, रेखाओं का परिचय, और उनके फल-विवेचन। यह बताया गया है कि हाथ की रेखाएँ मानसिक प्रवृत्तियों के अनुसार बदलती हैं, और एक कुशल हस्तरेखाविद को मनोविज्ञान का ज्ञान होना आवश्यक है। साथ ही, हाथ की रेखाओं को पढ़ने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि एक ही रेखा विभिन्न अर्थ रख सकती है। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि किसी भी निर्णय को जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए और रेखाओं का अध्ययन करते समय उनके पूर्ण संदर्भ को ध्यान में रखना चाहिए। हस्तरेखा-विशेषज्ञ को केवल विद्वान नहीं, बल्कि एक मित्र और सलाहकार की भूमिका निभाने की आवश्यकता है। इस पुस्तक में ज्योतिष के इस कठिन विषय को सरल और प्रामाणिक तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है, ताकि पाठक इसे आसानी से समझ सकें और इसका उपयोग कर सकें।
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