काम्ब रामायण | Kamb Ramayana

By: कंबन - Kamban
काम्ब रामायण | Kamb Ramayana by


दो शब्द :

यह पाठ हिन्दी भाषा की राष्ट्रभाषा के महत्त्व और इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति की एकता के निर्माण के प्रयासों पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि संस्कृत भाषा ने भारतीय राष्ट्र की एकात्म भावना को सशक्त किया है और आज हिन्दी भाषा में भी यह क्षमता है। बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद ने यह निर्णय लिया कि दक्षिण भारत की चार भाषाओं (तेलुगु, तमिल, कन्नड और मलयालम) की रामायणों का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित किया जाएगा। इस पाठ में 'कंब रामायण' का विशेष उल्लेख किया गया है, जिसे परिषद ने तमिल से हिन्दी में अनुवादित किया है। 'कंब रामायण' वाल्मीकीय रामायण का अनुसरण करते हुए, दाक्षिणात्य संस्कृति से भरपूर एक महाकाव्य है। यह उल्लेखनीय है कि इस महाकाव्य का अब तक किसी भी अन्य भाषा में अनुवाद नहीं हुआ था। अनुवाद कार्य के लिए उपयुक्त अनुवादक खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अंततः श्री न. बी. राजगोपालन को इस कार्य के लिए चुना गया। 'कंब रामायण' के अनुवाद का कार्य दो भागों में किया जा रहा है, जिसमें पहले भाग में वालकाण्ड से किष्किन्धाकाण्ड तक की रचनाएँ शामिल हैं। पाठ में यह भी बताया गया है कि तमिल साहित्य बहुत पुराना है और इसकी समृद्धि के कारण इसे भारतीय भाषाओं में से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। अंत में, परिषद ने 'कंब रामायण' के अनुवाद को प्रस्तुत करते हुए आशा व्यक्त की है कि यह हिन्दी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा और भारतीय संस्कृति की एकता को बढ़ाएगा।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *