रति विलास | Rati Vilas
- श्रेणी: Blog and Articles | ब्लॉग और अनुच्छेद
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 226
- साइज: 9 MB
- वर्ष: 1953
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दो शब्द :
यह पाठ "विवाहित प्रेम" नामक पुस्तक का सारांश प्रस्तुत करता है, जिसमें विवाह के बाद दांपत्य जीवन में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लेखक, श्रीमती डाक्टर मेरी स्टोप्स, ने यह पुस्तक विवाहित दंपतियों के लिए लिखी है, ताकि वे अपने दांपत्य जीवन को सुखद और स्थायी बना सकें। पुस्तक के पहले प्रकरण में "व्यापक उदासी" पर चर्चा की गई है, जिसमें बताया गया है कि विवाह के कुछ वर्षों बाद पति-पत्नी के बीच प्रेम और संतोष में कमी आने लगती है। विवाह के प्रारंभिक उत्साह के बाद, दांपत्य जीवन में तनाव और निराशा का अनुभव होने लगता है। यह स्थिति केवल शारीरिक या मानसिक समस्याओं के कारण नहीं होती, बल्कि यह एक सामान्य धारणा बन जाती है कि विवाह के बाद प्रेम में कमी आ जाती है। लेखिका का मानना है कि यह धारणा गलत है और इसे बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया है कि प्रेम को बनाए रखने के लिए ज्ञान और समझ की आवश्यकता होती है। पुस्तक में विभिन्न प्रकरणों के माध्यम से दांपत्य जीवन को सुखद बनाने के लिए उपयोगी उपाय और जानकारी दी गई है। यह पुस्तक उन दंपतियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है, जो अपने दांपत्य जीवन में खुशी और संतोष की तलाश में हैं। लेखक ने यह भी आशा व्यक्त की है कि इस पुस्तक के माध्यम से दांपत्य जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी और इससे समाज में स्थायी प्रेम और संबंधों की वृद्धि होगी। अंततः, यह पुस्तक केवल व्यक्तिगत सुख के लिए नहीं, बल्कि समाज के समग्र कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुखद दांपत्य जीवन से राष्ट्र की मजबूती भी जुड़ी हुई है।
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