भारतीय ज्योतिष | Bhartiya jyotish

By: लक्ष्मीचन्द्र जैन - Laxmichandra jain
भारतीय ज्योतिष | Bhartiya jyotish by


दो शब्द :

इस पाठ में लेखक ने अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया है, जिसमें वह एक दिव्य उत्सव के दौरान जैन मंदिरों की भव्यता और आंतरिक सौंदर्य का वर्णन करते हैं। उत्सव का वातावरण रंग-बिरंगे झाड़-फानूस और सुगंधित धूम्र से भरा हुआ था, जो लोगों को आकर्षित कर रहा था। लेखक ने अपनी आँखों के सामने इस दृश्य को देखा और उस समय के अपने भावनात्मक अनुभव को साझा किया। लेखक ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने एक निबंध पढ़ा था, जिसमें लाइब्रेरियन की भूमिका के महत्व को बताया गया था। इस निबंध ने लेखक को विचारों में उलझा दिया और वह इस सोच में डूब गए कि क्या वह ज्योतिष विषय पर लिख सकेंगे। इसके बाद, उन्होंने अपने मित्र से अपनी चिंताओं को साझा किया, जिसने उन्हें प्रेरित किया कि उन्हें अपने ज्ञान को साझा करने के लिए लिखना शुरू करना चाहिए। लेखक ने लिखने के लिए योजना बनाई और अपने दो वर्षों के परिश्रम के बाद एक पुस्तक तैयार की। उन्होंने विभिन्न विद्वानों की सहायता का उल्लेख किया और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। अंततः, उन्होंने अपनी रचना को समीक्षार्थ भेजा, जिसके बाद पुस्तक का प्रकाशन हुआ। पाठ के अंत में, लेखक ने अपने सहयोगियों और परिवार का धन्यवाद किया जो इस प्रक्रिया में उनके साथ थे। यह पाठ लेखक की रचनात्मक यात्रा, उनके अनुभवों और उनके लिखने की प्रेरणा के बारे में है, जिसमें वे अपने विचारों को साझा करते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करने का प्रयास करते हैं।


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