एक्यू प्रेसर प्राकृतिक उपचार | acupressure natural remedies
- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद साहित्य / Literature
- लेखक: डाॅ. पी.पी. शर्मा - Dr. P.P. Sharma
- पृष्ठ : 204
- साइज: 7 MB
- वर्ष: 2001
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दो शब्द :
यह पाठ एक्युप्रेशर चिकित्सा पद्धति पर आधारित है, जो एक प्राचीन प्राकृतिक उपचार विधि है। लेखक, डॉ. पी. पी. शर्मा और डॉ. दी. आर. चौधरी, इस पद्धति की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। एक्युप्रेशर का उपयोग शरीर में दबाव बिंदुओं के माध्यम से रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। यह पद्धति 3000 वर्ष पूर्व भारत में प्रचलित थी, लेकिन समय के साथ लुप्त होती गई, जबकि चीन में इसका विस्तार हुआ। पुस्तक में एक्युप्रेशर के सिद्धांत, कार्यप्रणाली, और इसके विभिन्न उपचार विधियों का विवरण है। इसमें मस्तिष्क, हृदय, पाचन तंत्र, गुर्दे, और अन्य शारीरिक अंगों से संबंधित रोगों और उनके एक्युप्रेशर उपचार के तरीके बताए गए हैं। यह पद्धति न केवल रोगों के उपचार में सहायक है, बल्कि यह स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करती है। लेखक यह बताते हैं कि एक्युप्रेशर के माध्यम से शरीर की जैव-ऊर्जा का संतुलन बनाए रखा जा सकता है। इस चिकित्सा पद्धति में शरीर को विभिन्न जोनों में बांटकर उपचार किया जाता है, जिसे जोनोलॉजी कहा जाता है। उपचार के दौरान, शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े दबाव बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है और रोगों का निवारण होता है। पुस्तक में एक्युप्रेशर के सिद्धांत के साथ-साथ इसके लाभ, साधन और उपचार के उपकरणों का भी परिचय दिया गया है। इससे पाठक एक्युप्रेशर की विधियों को समझकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, यह पद्धति सहजता और सरलता के साथ उपयोग की जा सकती है, जिससे यह व्यक्ति को घर पर ही उपचार करने की सुविधा देती है।
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