संस्कृत्त व्याकरण | Sanskrit Grammar

By: डॉ. मुनीश्वर झा - Dr. Munishwar Jha
संस्कृत्त व्याकरण | Sanskrit Grammar by


दो शब्द :

यह पाठ "संस्कृत व्याकरण" नामक पुस्तक का परिचय और प्रकाशन से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करता है। इसे भारत सरकार के शिक्षा आयोग की संस्तुतियों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत एक ग्रंथ अकादमी की स्थापना की गई, जिससे विश्व-स्तरीय पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया जा सके। पुस्तक का अनुवाद डॉ. मुनीश्वर झा द्वारा किया गया है और इसका विषय-संपादन प्रोफेसर पी. एन. पद्ठाभिराम शास्त्री ने किया है। यह ग्रंथ उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी बताया गया है और इसका वितरण भारतीय भाषा में उच्चस्तरीय मानक ग्रंथों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया है। लेखक ने इस ग्रंथ में संस्कृत भाषा के व्याकरण को एक व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, ताकि छात्रों को भाषा की गहराई और उपयोगिता समझ में आ सके। इसमें प्राचीन और आधुनिक व्याकरणिक सिद्धांतों का समावेश किया गया है, जिससे पाठक को विषय की सम्पूर्णता का अनुभव हो। यह पुस्तक न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय भाषाओं में उच्चस्तरीय शिक्षा को प्रोत्साहित करती है और स्थापित पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग करती है।


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