सुलंब वास्तु शास्त्र | Sulabh Vastu Shastra

By: रघुनाथ श्रीपाद देशपांडे - Raghunath Sripad Deshpande
सुलंब वास्तु शास्त्र | Sulabh Vastu Shastra by


दो शब्द :

इस पाठ में एक पुस्तक का विवरण दिया गया है, जिसमें भारत के वास्तुकला और निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। पुस्तक में छोटे-छोटे फ्लैट्स के नक्शे और चित्रों के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की गई है, जिससे पाठक आसानी से समझ सकें। इसे विभिन्न विद्वानों द्वारा सराहा गया है और इसे पुरस्कार भी मिल चुका है। पुस्तक में भवन निर्माण के लिए आवश्यक विभिन्न विषयों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि स्थान का चयन, नींव की खुदाई, निर्माण सामग्री, योजना, और निर्माण के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें। इसमें मानचित्र, भवन की रचना, और कमरों की योजना से संबंधित जानकारी शामिल है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में निर्माण की विधियों, ठेके की प्रक्रिया, और नींव की गहराई व चौड़ाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। यह पाठ वास्तुशास्त्र के छात्रों और पेशेवरों के लिए उपयोगी है, जो भवन निर्माण की तकनीकों को समझने में मदद करेगा। लेखक ने अंत में अपने सहयोगियों का भी उल्लेख किया है और पाठकों को पुस्तक के अध्ययन के लिए प्रेरित किया है। कुल मिलाकर, यह पाठ एक तकनीकी और शैक्षणिक दृष्टिकोण से भवन निर्माण की प्रक्रिया को समझने में सहायक है।


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