मुहूर्त चिंतामणि | Muhurat Chintamani
- श्रेणी: ज्ञान विधा / gyan vidhya ज्योतिष / Astrology संस्कृत /sanskrit साहित्य / Literature
- लेखक: खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas
- पृष्ठ : 170
- साइज: 39 MB
- वर्ष: 1949
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दो शब्द :
यह पाठ ज्योतिषशास्त्र के महत्व और इसके सिद्धांतों पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि ज्योतिष केवल ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का अध्ययन नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उनके अनुसार निर्णय लेने का एक साधन है। ज्योतिष वेदों का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो यज्ञ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए समय और उसके फल को निर्धारित करने में मदद करता है। पाठ में इस बात पर जोर दिया गया है कि ज्योतिष का ज्ञान बिना किसी पूर्वाग्रह के होना चाहिए, और यह कि इसके सिद्धांतों को समझना सभी के लिए आवश्यक है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि ज्योतिष के माध्यम से व्यक्ति अपने कर्म और उसके परिणामों को समझ सकता है और अपने जीवन को बेहतर दिशा में ले जा सकता है। इसके अलावा, पाठ में यह भी बताया गया है कि ज्योतिष की विद्या को समझने के लिए विभिन्न ग्रंथों का अध्ययन आवश्यक है, और यह ज्ञान साधारण लोगों के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए। पाठ के अंत में, यह सुझाव दिया गया है कि ज्योतिष का ज्ञान समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है और इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहिए। कुल मिलाकर, यह पाठ ज्योतिष की परंपरा, इसके महत्व, और इसे समझने के लिए आवश्यक ज्ञान पर प्रकाश डालता है।
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