हेनसांग की भारत यात्रा | TRAVELS IN INDIA BY WHNTHSANG
- श्रेणी: इतिहास / History दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy भारत / India संस्कृत /sanskrit
- लेखक: ह्वेनसांग - Hensang
- पृष्ठ : 442
- साइज: 8 MB
- वर्ष: 1972
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दो शब्द :
हेनसाँग, एक प्रसिद्ध चीनी यात्री, ने 7वीं शताब्दी में भारत की यात्रा की, जो उनके समय के भारतीय समाज, संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। उन्होंने 626 ईस्वी से 645 ईस्वी तक भारत की यात्रा की और इस दौरान उन्होंने कई प्रमुख स्थानों का दौरा किया, जैसे काबुल, काश्मीर, तक्षशिला, अयोध्या, कुशीनगर, और नालंदा। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म का अध्ययन करना और विभिन्न विद्यालयों में शिक्षा लेना था। हेनसाँग ने अपनी यात्रा के दौरान भारत की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, नगरों, इमारतों, भाषा, साहित्य, और समाजिक प्रथाओं का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने हिंदू और बौद्ध धर्म के शिष्टाचार, कला, परंपराओं, और जटिल जाति व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया। उनकी लेखनी ने 7वीं शताब्दी के भारत का एक जीवंत चित्र प्रस्तुत किया, जो इतिहासकारों के लिए एक अमूल्य स्रोत है। उनकी यात्रा की शुरुआत बामियान से होती है, जहां से वे काबुल पहुंचे और फिर काश्मीर के रास्ते भारत के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। वे तक्षशिला में बौद्ध धर्म की शिक्षा प्राप्त करने के लिए रुके और वहां कई महीनों तक रहे। इसके बाद उन्होंने अन्य प्रमुख स्थानों की यात्रा की और अंततः भारत के दक्षिणी हिस्से में पहुंचे। उनकी यात्रा के अंत में, उन्होंने 644 ईस्वी में अपने देश लौटने के लिए यात्रा शुरू की। हेनसाँग की यात्रा ने न केवल उनके समय की भारत की स्थिति को उजागर किया, बल्कि बौद्ध धर्म और भारतीय संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी स्पष्ट किया। उनकी यात्रा के विवरण से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय समाज कितना समृद्ध और विविधतापूर्ण था।
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