शेर - ओ- शायरी | sher-o- shayari

By: राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
शेर - ओ- शायरी | sher-o- shayari by


दो शब्द :

इस पाठ में उर्दू कविता और शायरी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से उर्दू शायरी की मौलिकता और उसकी गहराई का वर्णन किया है। यह पुस्तक उर्दू के प्रमुख कवियों और उनकी कृतियों का संकलन है, जिसमें शेर और नज़्मों का समावेश है। महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने इस पुस्तक के माध्यम से उर्दू साहित्य की समृद्धि और विविधता को उजागर किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे उर्दू कविता विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और शैलियों का समागम है। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि उर्दू कविता ने भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और इसे हिंदी साहित्य से अलग नहीं किया जा सकता। लेखक ने यह भी महसूस कराया है कि उर्दू कविता का इतिहास केवल पौराणिक कवियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दकनी कवियों का भी योगदान है, जो कि आज तक अदृश्य रहे हैं। उन्होंने यह आग्रह किया है कि उर्दू कविता को नागरी लिपि में प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि हिंदी पाठक वर्ग भी इस समृद्ध साहित्य का आनंद ले सके। इस प्रकार, यह पाठ उर्दू शायरी के विकास, उसके प्रमुख कवियों और उनके योगदान का सारांश प्रस्तुत करता है, साथ ही यह एक अपील भी करता है कि साहित्य की सीमाओं को तोड़कर इसे व्यापक रूप से स्वीकार किया जाए।


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