श्रृंगार शतक | Shringar Shatak

By: भर्तृहरि - Bhartrahari


दो शब्द :

इस पाठ में स्त्रियों और उनके भावनात्मक और शारीरिक आकर्षण के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि कैसे महिलाएँ अपने हाव-भाव, नाज़-नखरे और सौंदर्य के माध्यम से पुरुषों को आकर्षित करती हैं। पाठ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कामदेव, जो प्रेम और आकर्षण के देवता हैं, स्त्रियों को अपनी शक्ति से पुरुषों के दिलों पर राज करने की क्षमता देते हैं। कई प्रसिद्ध देवताओं जैसे ब्रह्मा, विष्णु और महादेव को भी स्त्रियों के आकर्षण के सामने झुकते हुए दिखाया गया है। यह दर्शाया गया है कि कैसे ये देवता अपने-अपने प्रेम में पागल होकर अपनी शक्तियों को भी भूल जाते हैं। इसके अलावा, पाठ में स्त्रियों की सच्ची प्रेम और समर्पण की भी सराहना की गई है, जिसमें पति की सेवा करना और उनका सम्मान करना शामिल है। कुल मिलाकर, पाठ में स्त्रियों की शक्ति, उनकी भूमिका और उन्हें दी गई अद्वितीय स्थिति का वर्णन किया गया है, साथ ही यह भी बताया गया है कि कैसे प्रेम और आकर्षण के खेल में वे पुरुषों को अपनी ओर खींचती हैं। इसके पीछे एक गहरी सामाजिक और दार्शनिक दृष्टि है, जिसमें प्रेम, सौंदर्य और मानवीय संबंधों की जटिलताओं का उल्लेख किया गया है।


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