अलबेरुनी का भारत | ALBERUNI'S INDIA
- श्रेणी: Cultural Studies | सभ्यता और संस्कृति Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति इतिहास / History ग्रन्थ / granth धार्मिक / Religious भारत / India संस्कृत /sanskrit
- लेखक: अलबेरुनी - Albiruni
- पृष्ठ : 466
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
इस पाठ में महमूद गजनवी और फिरदौसी के साहित्यिक योगदान के बारे में चर्चा की गई है। महमूद गजनवी का दरबार उस समय का एक महत्वपूर्ण साहित्यिक केंद्र था, जहां कई कवि और साहित्यकार सक्रिय थे। फिरदौसी, जो कि 'शाहनामा' के रचनाकार हैं, को भी महमूद के दरबार में सम्मानित स्थान प्राप्त था। हालांकि, महमूद के शासनकाल में साहित्यकारों की स्थिति और उनकी कृतियों के प्रति ऐतिहासिक दृष्टि से कुछ निराशाजनक रही है। लेखक ने बताया है कि महमूद के समय में कई कवियों ने राजकीय कृपा प्राप्त करने के लिए प्रयास किए, लेकिन इतिहास ने केवल कुछ ही कवियों के बारे में जानकारी दी है। फिरदौसी की काव्य रचना 'शाहनामा' ने उन्हें अमर बना दिया, जबकि अन्य कवियों का नाम इतिहास में खो गया। महमूद का चित्रण एक विजेता के रूप में किया गया है, लेकिन उनके दरबार में फिरदौसी जैसे काव्य प्रतिभाओं का सम्मान न होना एक दुखद पहलू है। इसके अलावा, लेखक ने अलबेरूनी के बारे में भी चर्चा की है, जिन्होंने भारत की संस्कृति और सभ्यता का अध्ययन किया और अपने लेखन में उसे दर्शाया। अलबेरूनी ने भारतीय सभ्यता का एक निष्पक्ष और सच्चा चित्र प्रस्तुत किया, और उनकी रचनाएँ आज भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस प्रकार, यह पाठ साहित्यिक इतिहास, महमूद गजनवी के दरबार की स्थिति, फिरदौसी और अलबेरूनी के योगदान पर प्रकाश डालता है, और यह दर्शाता है कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समझने के लिए इन ऐतिहासिक व्यक्तियों के विचार और कृतियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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