सांख्यिकी के सिद्धांत एवं प्रयोग | Principles and applications of statistics
- श्रेणी: विज्ञान / Science
- लेखक: महेंद्र प्रताप सिंह - Mahendra Pratap Singh
- पृष्ठ : 522
- साइज: 61 MB
- वर्ष: 1955
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दो शब्द :
यह पाठ सांख्यिकी के महत्व, उसके अध्ययन की पद्धतियों और इसके उद्देश्यों पर केंद्रित है। लेखक ने बताया है कि भारत में सांख्यिकी का स्वरूप काफी बदल चुका है और इस क्षेत्र में नवयुवक छात्रों के लिए एक सटीक पुस्तक की आवश्यकता है। सांख्यिकी को एक जटिल विषय माना गया है, जिसे सरल और सहज तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में विभिन्न अध्यायों के माध्यम से सांख्यिकी के सिद्धांतों और उनके अनुप्रयोगों पर चर्चा की गई है। संख्या संकलन की प्राथमिक विधियों, यथार्थता, अनुमान, वर्गीकरण और सारणीकरण की प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। सांख्यिकी को एक विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें भूतकालीन और वर्तमान तथ्यों की तुलना करके भविष्य की योजनाएं बनाने की प्रक्रिया शामिल है। लेखक ने सांख्यिकी के अध्ययन में विभिन्न तकनीकों और तरीकों का उल्लेख किया है, जैसे संकलन, वर्गीकरण, परीक्षण और विवेचन, जो आंकिक तथ्यों के विश्लेषण में सहायक होते हैं। इस प्रकार, पाठ में सांख्यिकी की व्यापकता, उसके अध्ययन की आवश्यकताएं और उसका महत्व स्पष्ट किया गया है।
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