स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास | History of freedom struggle

By: गोवर्धनलाल पुरोहित - Govardhanalal Purohit


दो शब्द :

इस पाठ का सारांश भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर आधारित है, जिसमें 1857 से 1947 तक की घटनाओं का वर्णन किया गया है। लेखक गोवर्धनलाल पुरोहित ने इस पुस्तक को उन वीरों और बलिदानियों के प्रति समर्पित किया है जिन्होंने अपने जीवन को मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अर्पित किया। पुस्तक में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को एक व्यापक जन-विद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों ने मिलकर विदेशी शासन के खिलाफ संघर्ष किया। इस क्रांति के बावजूद, इसके असफलता के कारणों में संगठन और अनुशासन की कमी को बताया गया है, लेकिन इसने स्वतंत्रता की लड़ाई का एक नया अध्याय भी शुरू किया। इसके बाद के वर्षों में, विभिन्न क्रांतिकारी आंदोलनों और नेताओं का उल्लेख किया गया है, जैसे वासुदेव बलवन्त फड़के, गुरु रामसिंह, और बाद में महात्मा गांधी, जिन्होंने अहिंसक सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। गांधीजी ने जनता को संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। पुस्तक में स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरणों, जैसे बंगाल विभाजन, चौरी चौरा की घटना, और दांडी मार्च का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही, क्रांतिकारी गतिविधियों, जैसे भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव के संघर्षों का विवरण भी दिया गया है। अंत में, लेखक ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और मुख्य सेनानियों के जीवन चरित्र को उजागर किया है, ताकि वर्तमान पीढ़ी को उनसे प्रेरणा मिल सके। पुस्तक का मुख्य उद्देश्य पाठकों में देशभक्ति और सेवा की भावना जागृत करना है, ताकि वे अपने राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ें।


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