PDF Aadam (عليه السلام) se Muhammad (ﷺ) tak (आदम से मुहम्मद तक) | Aadam se Muhammad tak

By: मुहम्मद रफीअ साहिब - Muhammad Rafi sahib
PDF Aadam (عليه السلام) se Muhammad (ﷺ) tak (आदम से मुहम्मद तक) | Aadam se Muhammad tak by


दो शब्द :

इस पाठ में कुरआन और इसकी तालीमात के महत्व को स्पष्ट किया गया है। लेखक ने बताया है कि कैसे रसूलुल्ला (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्‍लम) ने बच्चों को धार्मिक और नैतिक शिक्षा देने के लिए एक सरल तरीका अपनाया। पहले, बच्चों की प्राइमरी शिक्षा मां की गोद से शुरू होती थी, लेकिन समय के साथ यह व्यवस्था बदल गई है। अब माता-पिता खुद इन मूलभूत धार्मिक शिक्षा से अनजान हो गए हैं, इसलिए स्कूलों और मदरसों में ऐसी शिक्षा प्रदान करना जरूरी हो गया है। लेखक ने अपने मित्र मुहम्मद रफीअ साहिब द्वारा लिखी गई एक किताब का उल्लेख किया है, जिसमें अंबिया की कहानियाँ और रसूलुल्ला (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्‍लम) की सीरत को बच्चों की भाषा में सलीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने इस किताब को उपयोगी और लाभदायक बताया और इसके लेखक के लिए दुआ की है। इसके बाद पाठ में अल्लाह तआला की पहचान, उसके गुण, और उसकी मख्लूक़ात का जिक्र किया गया है। यह बताया गया है कि अल्लाह तआला एक है और उसकी इबादत के लिए किसी और की जरूरत नहीं है। पाठ में फरिश्तों और शैतान का भी उल्लेख है, जिसमें शैतान की बुराईयों और उसके द्वारा इंसानों को बहकाने के प्रयासों के बारे में बताया गया है। आखिर में, हजरत आदम (अलैहिस्सलाम) का भी जिक्र किया गया है, जो पहले इंसान और नबी हैं। उनकी औलाद ही पूरी मानवता का विस्तार है। पाठ में यह संदेश दिया गया है कि अल्लाह तआला की इबादत करना और उसके रास्ते पर चलना ही सही मार्ग है, और शैतान की बातों में आकर गलत राह पर चलना गलत है।


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