चिकित्सा - चंद्रोदय | Chikitsa – Chandrodaya

By: बाबू हरिदास वैध - Babu Haridas Vaidhya
चिकित्सा - चंद्रोदय | Chikitsa – Chandrodaya by


दो शब्द :

इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: पाठ में आयुर्वेद की महत्वपूर्णता और इसके अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह कहा गया है कि हर व्यक्ति को आयुर्वेद का ज्ञान होना चाहिए ताकि वह अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सके। डॉक्टर ने यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करना हर व्यक्ति का धर्म है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता तो यह उसके लिए "गुनाह और पाप" माना जाएगा। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि आयुर्वेद की शिक्षा केवल स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है। आयुर्वेद का ज्ञान न केवल रोगों से बचाता है, बल्कि इसे पढ़ने से व्यक्ति में समझ और बुद्धिमत्ता भी बढ़ती है। लेखक ने यह भी कहा है कि हाल के वर्षों में हिंदी में आयुर्वेद की पुस्तकों की कमी की शिकायत की गई है, लेकिन अब "चिकित्सा-चन्द्रोदय" जैसे ग्रंथों के माध्यम से यह समस्या हल हो रही है। पाठक को सलाह दी गई है कि वे इस ग्रंथ का अध्ययन करें और दूसरों को भी इसके पढ़ने के लिए प्रेरित करें। अंत में, लेखक ने आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य और धन की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया है और यह आशा व्यक्त की है कि पाठक इस दिशा में कदम उठाएंगे।


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