कबीर साहेब का बीजक | Kabir Saheb Ka Bijak
- श्रेणी: काव्य / Poetry धार्मिक / Religious साहित्य / Literature
- लेखक: कबीरदास - Kabirdas
- पृष्ठ : 130
- साइज: 52 MB
- वर्ष: 1926
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दो शब्द :
पं. मद्दावीर प्रसाद मालवीय द्वारा संपादित पत्रिका "वीर खड्पादक" हिंदी पत्रिकाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। यह पत्रिका गम्भीर और सरल लेखन के साथ-साथ शिक्षाप्रद कविताएँ भी प्रकाशित करती है। इसमें चित्रों की सुंदरता और रंगीन चित्रों का समावेश किया गया है, जो पाठकों को आकर्षित करते हैं। पत्रिका में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सामग्री होती है, जिससे इसका पाठक वर्ग तेजी से बढ़ रहा है। इसकी सस्ती कीमत इसे और भी लोकप्रिय बनाती है। पत्रिका के माध्यम से विभिन्न महापुरुषों की शिक्षाएँ और उनके जीवन के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही, हिंदी साहित्य में कबीर साहब का योगदान भी महत्वपूर्ण है। कबीर साहब ने अपने विचारों को सरल हिंदी में व्यक्त किया और उन्होंने विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के बीच एकता का संदेश दिया। उनका जीवन और शिक्षाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। कबीर साहब का जीवन साधारण था, लेकिन उनका ज्ञान और दृष्टिकोण अद्वितीय था। उन्होंने भक्ति और प्रेम के माध्यम से मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया।
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