सिद्ध प्रयोग | Sidh Prayog
- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद साहित्य / Literature स्वसहायता पुस्तक / Self-help book
- लेखक: विश्वेश्वरदयालुजी वैद्यराज - Vishveshvardayaluji Vaidyaraj
- पृष्ठ : 129
- साइज: 64 MB
- वर्ष: 1932
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न प्रयोगों और चिकित्सा विधियों का उल्लेख किया गया है, जो विशेष रूप से दवाओं और औषधियों के निर्माण से संबंधित हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे विभिन्न औषधियों को संयोजित कर उनकी प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है। पाठ में यह भी चर्चा की गई है कि संस्कृत साहित्य में निहित ज्ञान का प्रचार-प्रसार आवश्यक है, ताकि विद्वानों और आम जन को इसका लाभ मिल सके। पाठ में उल्लेखित है कि आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए कई उपाय और प्रयोग उपलब्ध हैं, जैसे ज्वर, अजीर्ण, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन उपचारों को प्रयोग में लाने के लिए सावधानीपूर्वक विधियों का पालन करना आवश्यक है। अंत में, पाठ में उन विद्वानों का आभार व्यक्त किया गया है जिन्होंने इस ज्ञान को संकलित करने में मदद की है, और यह भी बताया गया है कि भविष्य में इस ज्ञान को और विस्तारित किया जाएगा। पाठ का समग्र उद्देश्य आयुर्वेद के ज्ञान को संरक्षित करना और इसे जनहित में उपयोगी बनाना है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.