दीवान ए ग़ालिब | Deewan E Ghalib
- श्रेणी: जीवनी / Biography साहित्य / Literature हिंदी / Hindi
- लेखक: मिर्ज़ा ग़ालिब - Mirza Ghalib
- पृष्ठ : 228
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1967
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दो शब्द :
इस पाठ में मिर्जा गालिब की शायरी और उनके काव्य संग्रह "दीवान-ए-गालिब" का परिचय दिया गया है। गालिब उर्दू के महान कवियों में से एक माने जाते हैं, जिनकी शायरी की विशेषताएँ भाषा की परिपूर्णता, विचारों की सूक्ष्मता और अर्थ का विस्मयकारी प्रभाव हैं। उनका काम न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है और कई भाषाओं में अनूदित हो चुका है। गालिब के काव्य का प्रमुख स्वरूप गज़ल है, जिसे उर्दू-फारसी वर्णमाला के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है। इस हिंदी रूपांतर में शेरों के अर्थ तुरंत उनके बाद दिए गए हैं, जिससे पाठकों को उनकी गहराई और बारीकियों को समझने में आसानी हो। प्रकाशक ने यह सुनिश्चित किया है कि उर्दू-फारसी शब्दों का उच्चारण हिंदी में सही तरीके से किया जा सके। इसके बाद, गालिब की शायरी के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जो उनके विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। इनमें प्रेम, विरह, आशिकी और मानव के अस्तित्व की जटिलताओं पर गहराई से विचार किया गया है। शायरी में गालिब अपनी भावनाओं को सुंदरता और जटिलता के साथ प्रस्तुत करते हैं, जिससे पाठकों को उनकी संवेदनाओं का अहसास होता है। इस प्रकार, पाठ गालिब की काव्य कला और उनकी शायरी की गहराई को उजागर करता है, जिसे समझने के लिए पाठकों को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।
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