अहसनुल- बयान  | Ahasnul - Byan by


दो शब्द :

इस पाठ में अल्लाह की दया और उसके दिये गए उपकारों का उल्लेख किया गया है, विशेष रूप से मूसा (अलैहिस्सलाम) और उनके अनुयायियों के संदर्भ में। पाठ में बताया गया है कि अल्लाह ने अपने लोगों को फ़िरऔन के अत्याचारों से मुक्त किया और उन्हें समुद्र के पार सुरक्षित पहुँचाया। इसके बाद, जब इन्होंने बछड़े की पूजा की, तब अल्लाह ने उन्हें माफ कर दिया ताकि वे शुक्रगुजार बन सकें। मूसा (अलैहिस्सलाम) के माध्यम से अल्लाह ने उन्हें हिदायत दी और तौरेत प्रदान की। पाठ में यह भी उल्लेख है कि जब मूसा ने अपने लोगों को अल्लाह की ओर लौटने के लिए कहा, तो उन्होंने अपनी नाफरमानी और गलतियों का एहसास किया। अल्लाह ने उन्हें अपनी कृपा से अनेक उपहार दिए, जैसे कि बादलों की छाया और मन्न व सलवा। पाठ में यह भी बताया गया है कि जब लोग अल्लाह के आदेशों का पालन नहीं करते और नाफरमानी करते हैं, तो उन्हें दंड मिलता है। अल्लाह ने उन लोगों के बारे में चेतावनी दी है जिन्होंने शनिवार के दिन की पाबंदी का उल्लंघन किया। इसके अतिरिक्त, यह बताया गया है कि जो लोग अल्लाह पर विश्वास करते हैं और अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें अल्लाह के पास अच्छा बदला मिलेगा। अंत में, पाठ में यह भी कहा गया है कि मूसा (अलैहिस्सलाम) ने अपनी जाति से गाय के बलिदान का आदेश दिया, और उनके द्वारा प्रश्न पूछने का उल्लेख किया गया है। इस प्रकार, यह पाठ अल्लाह की दया, उपहारों और नाफरमानी के परिणामों पर प्रकाश डालता है, जबकि ईमान और अच्छे काम करने की प्रेरणा भी देता है।


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