इंद्रजाल | Indrajaal Book In Hindi
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ उपन्यास / Upnyas-Novel काल्पनिक / Fantasy
- लेखक: जयशंकर प्रसाद - jayshankar prasad
- पृष्ठ : 137
- साइज: 8 MB
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दो शब्द :
'इन्द्रजाल' कहानी एक कंजर समुदाय की पृष्ठभूमि में स्थापित है, जिसमें मुख्य पात्र बेला और गोली हैं। बेला एक गाने वाली लड़की है, जबकि गोली एक युवक है जो बांसुरी बजाता है। कंजरों का एक दल गाँव के बाहर बंजर भूमि पर रहता है, और उनका जीवन भीख मांगने और नृत्य-गायन पर निर्भर है। बेला की माँ का निधन हो चुका है, और वह अपने पिता के शराबी स्वभाव के कारण कंजरों के बीच आ जाती है। कहानी का केंद्र बेला और गोली के बीच का प्रेम है, जिसे समाज और परिवार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। बेला और गोली का संगीत और नृत्य दर्शकों के बीच लोकप्रिय होते हैं, जिससे उन्हें कुछ मान-सम्मान मिलता है। हालाँकि, उनके बीच का प्रेम कई चुनौतियों का सामना करता है, जैसे कि बेला का ब्याह भूरे से तय होना, जो कंजर समुदाय का एक अन्य सदस्य है। कहानी में बेला की स्वतंत्रता और प्रेम की चाहत को दर्शाया गया है। बेला अपने मन की सुनती है और भले ही उसे भूरे से ब्याह करने के लिए मजबूर किया जाता है, वह अपने प्रेम के प्रति वफादार रहती है। गोली, जो बेला के प्रति गहरा प्रेम करता है, उसकी रक्षा के लिए संघर्ष करता है। इस संघर्ष के दौरान, बेला की स्थिति और उसके मन में चल रहे द्वंद्व को गहराई से चित्रित किया गया है। अंततः, बेला को अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ता है, और इस प्रेम कहानी में भावनाओं, संघर्षों और सामाजिक दबावों का एक जटिल ताना-बाना बुना गया है। कहानी का अंत बेला के निर्णय और उसकी आत्मनिर्भरता के संकेत देता है, जहाँ वह अपने प्रेम का चुनाव करती है और अपने आप को समाज की बंदिशों से मुक्त करने का प्रयास करती है।
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