हिंदी-मराठी शब्दकोश | Hindi marathi Shabdkosh

By: श्रीपाद जोशी - Shripad Joshi


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी-मराठी शब्दकोश के संपादन और इसके नाम में बदलाव के संबंध में चर्चा की गई है। पाठ के अनुसार, पहले इस शब्दकोश का नाम "हिंदुस्तानी-मराठी कोश" रखा गया था, लेकिन अब इसे "हिंदी-मराठी कोश" के रूप में पुनः नामित किया गया है। यह निर्णय इस बात पर आधारित है कि हिंदी और हिंदुस्तानी दोनों नाम पहले से ही स्वीकृत थे, और संविधान समिति ने हिंदी नाम को स्वीकार किया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि राष्ट्रभाषा का स्वरूप और उसकी स्वीकृति महत्वपूर्ण है। राष्ट्रभाषा का उपयोग अंतर-प्रांतीय व्यवहार के लिए किया जाता है और इसे सभी भाषाओं का समावेश करते हुए विकसित किया जाना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भाषा आम जनता के बीच पहुंच सके और सभी वर्गों के लिए उपयोगी हो। इसके अलावा, पाठ में यह भी कहा गया है कि भाषा का स्वरूप और उसके विकास के लिए प्रांतीय भाषाओं का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि सभी समुदायों के बीच एकता और सहकारिता बढ़ सके। अंत में, यह भी उल्लेख किया गया है कि शब्दकोश का उद्देश्य सभी भाषाई समूहों के लिए उपयोगी बनाना है और इसे व्यापक दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। इस प्रकार, पाठ में हिंदी-मराठी शब्दकोश के नाम बदलने की प्रक्रिया, राष्ट्रभाषा की भूमिका और भाषा के प्रचार के महत्व पर विचार किया गया है।


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