ब्राह्मण निर्णय | Brahman Nirnaya
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ जातिप्रथा / Caste System धार्मिक / Religious ब्राह्मण मण्डल व ब्राहरण सभा /Brahmin Mandal and Brahran Sabha योग / Yoga संस्कृत /sanskrit हिंदू - Hinduism
- लेखक: छोटेलाल शर्मा - Chhotelal Sharma
- पृष्ठ : 622
- साइज: 21 MB
- वर्ष: 1916
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दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न ब्राह्मण जातियों की पहचान, उनकी सामाजिक स्थिति और जातिगत भेदभाव पर चर्चा की गई है। यह उल्लेख किया गया है कि विभिन्न ब्राह्मण जातियों के खान-पान और व्यवहार में समानता होने के बावजूद, उनके बीच अलग-अलग महासभाओं का गठन क्यों किया गया है। लेखक ने यह सुझाव दिया है कि ब्राह्मण जातियों को एकजुट होकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना चाहिए। इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि जाति अनुसंधान के लिए एक समिति बनाई गई थी, जिसमें विभिन्न जातियों की जानकारी इकट्ठा करने का कार्य किया गया, लेकिन इसके परिणाम संतोषजनक नहीं रहे। इसमें यह भी कहा गया है कि जाति के बारे में जानकारी प्राप्त करना और उसका इतिहास जानना आवश्यक है, ताकि समाज में समानता और एकता को बढ़ावा दिया जा सके। पाठ के अंत में, यह उम्मीद जताई गई है कि यदि सभी जातियाँ एकजुट होकर कार्य करेंगी तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। कुल मिलाकर, यह पाठ जातिगत एकता, सामाजिक सुधार और ब्राह्मण जातियों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर देता है।
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