अमृता प्रीतम | Amrita Pritam
- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel साहित्य / Literature
- लेखक: अमृता प्रीतम - Amrita Pritam
- पृष्ठ : 772
- साइज: 96 MB
- वर्ष: 1982
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दो शब्द :
इस पाठ में अमृता प्रीतम की कहानी 'पिजर' का आरंभ होता है, जिसमें मुख्य पात्र पूरो का जीवन और उसके परिवार का विवरण दिया गया है। पूरो गुजरात के एक गाँव छत्तोआती की रहने वाली है, जहाँ उसका परिवार पहले समृद्ध था, लेकिन समय के साथ उनकी स्थिति खराब हो गई। पूरो के पिता और चाचा ने गाँव छोड़कर सियाम जाकर धन कमाने की कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें वापस लौटना पड़ा। गाँव लौटने के बाद, पूरो के माता-पिता ने उसकी शादी के लिए एक अच्छे परिवार में लड़का देखा। पूरो की माँ ने विधि-माता की पूजा करवाई ताकि उन्हें एक बेटा हो। पूरो की शादी की तैयारियों के बीच, उसकी युवा अवस्था और मंगेतर के प्रति आकर्षण का वर्णन किया गया है। पूरो को अपने मंगेतर रामचंद की छवि अपने मन में बसी हुई है, और वह उसे देखने की इच्छा रखती है। कहानी में पूरो की मनोदशा, उसकी चिंताएँ और उसकी भावनाएँ व्यक्त की गई हैं। पूरो की शारीरिक और मानसिक स्थिति का वर्णन करते हुए, उसकी शादी के पहले की खुशी और डर को दर्शाया गया है। वह अपने भविष्य के प्रति आशंकित है, खासकर जब वह शगुन और अपशगुन के बारे में सोचती है। यह पाठ पूरो के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उसकी भावनाओं की गहराई को उजागर करता है।
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