दो शब्द :

इस पाठ में विभिन्न नाटकों और उनके रचयिताओं का उल्लेख किया गया है, जैसे कि "कलियुग", "संसारस्वप्त", "विल्वमंगल", "राधामाधव" आदि। इसके अलावा, कुछ अन्य नाटकों जैसे "धुवचरित्र", "परोक्षित", "भक्तछुदांमा", "कृष्ण लीला" का भी उल्लेख किया गया है। इन नाटकों के संपादक और रचयिता का नाम भी दिया गया है। पाठ में ये सभी नाटक भारतीय साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनके माध्यम से विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक विषयों को दर्शाया गया है। इसके साथ ही, शिवरामदास गुप्त का नाम भी उल्लेखित है, जो उपन्यास और नाटक लेखन में सक्रिय रहे हैं। यह पाठ साहित्य प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।


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