बाल कांड (श्री राम चरित मानस) | Bal Kand (shri Ram Charit Manas)

By: गायत्री देवी - Srimati Gayatri Devi


दो शब्द :

"रामचरित मानस" गोस्वामी तुलसीदास की एक महत्वपूर्ण रचना है, जिसे हिंदी साहित्य की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में गिना जाता है। इस ग्रंथ में श्रीराम के चरित्र का विस्तार से वर्णन किया गया है और यह सात काण्डों में विभाजित है। प्रत्येक काण्ड की कथा एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, और इसका आरंभ वानर काण्ड से होता है, जिसमें कवि ने मंगलाचरण किया है। सर्वप्रथम सरस्वती, गंगा, शिव-पार्वती, वाल्मीकि, हनुमान, सीता और श्रीराम का वंदन किया गया है। तुलसीदास ने अपनी रचना को "स्वान्त सुखाय" के सिद्धांत पर लिखा है, जिसमें उन्होंने अनेक पुराणों, वेदों और शास्त्रों से राम कथा को सुंदर भाषा में प्रस्तुत किया है। राम का नाम अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, जिसके माध्यम से भक्तों का उद्धार होता है। तुलसीदास ने राम चरित मानस को अद्भुत भाषा और भावों में प्रस्तुत किया है, जिससे यह ग्रंथ लोगों के हृदय में विशेष स्थान रखता है। कथा में भगवान श्रीराम का अवतार, उनकी लीलाएं, और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का भी वर्णन है। इसमें शिव और पार्वती की कथा भी शामिल है, जिसमें पार्वती ने शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की। शिवजी ने पार्वती के प्रति अपनी प्रेम भावना को पहचानते हुए उनसे विवाह का निर्णय लिया। इसके बाद राक्षस तारक के आतंक से मुक्ति के लिए भगवान राम का जन्म हुआ। इस प्रकार, "रामचरित मानस" न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, नैतिकता और भक्ति का भी प्रतीक है। तुलसीदास का यह ग्रंथ आज भी भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और इसे पढ़ने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


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