एकाग्रता और दिव्यशक्ति | ekaagrata aur divyashakti
- श्रेणी: Self-Help and Motivational | स्व सहायता पुस्तक और प्रेरक दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy धारणा और ध्यान/ Concentration and Meditation
- लेखक: पं संतराम - Pt. Santram
- पृष्ठ : 160
- साइज: 6 MB
- वर्ष: 1921
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: यह पुस्तक विचार और मानसिक शक्ति के महत्व पर केंद्रित है। लेखक ने इसे मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि जीवन में उन्नति और मानसिक शक्तियों के उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बताया है। इसमें उन लोगों के लिए मार्गदर्शन है जो सुख, शांति, और स्वास्थ्य की प्राप्ति चाहते हैं। पुस्तक में विचारों की शक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया गया है और यह बताया गया है कि मानसिक एकाग्रता कैसे किसी व्यक्ति को सफल बना सकती है। लेखक ने उल्लेख किया है कि पश्चिमी देशों में विचारों को वैज्ञानिक तरीके से परखा गया है, जबकि भारतीय संस्कृति में यह ज्ञान प्राचीन है। पुस्तक में मानसिक शक्तियों के विकास के लिए विभिन्न विधियों का वर्णन किया गया है, जैसे प्राणायाम। लेखक ने यह भी बताया है कि विचारों का संगठन और मानसिक शक्ति अमीर बनने के लिए भी सहायक होती है। लेखक ने पाठकों को सलाह दी है कि वे इस पुस्तक में दी गई विधियों का अभ्यास करें और इसे एक गंभीर अध्ययन के रूप में लें। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि विचारों का प्रबंधन कैसे किया जाए और कैसे मानसिक शक्ति का उपयोग किया जाए। अंत में, लेखक ने पाठकों को प्रेरित किया है कि वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करें।
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