भगवत पुराण | Bhagvat Puran

By: अज्ञात - Unknown
भगवत पुराण  | Bhagvat Puran by


दो शब्द :

इस पाठ में भागवत पुराण के विभिन्न स्कंधों का संक्षेप में वर्णन किया गया है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की घटनाओं, उनके अवतारों और भक्तों की कहानियों का उल्लेख है। पहले स्कंध में भगवान के विभिन्न अवतारों की महिमा, महर्षि व्यास का असंतोष, और द्रौपदी के पुत्रों का वध आदि घटनाएँ शामिल हैं। इसके बाद राजा परीक्षित और शुकदेवजी का संवाद, ध्यान विधि, सृष्टि का वर्णन और भगवान के विराट स्वरूप का विवरण किया गया है। दूसरे स्कंध में सृष्टि की उत्पत्ति, भगवान के लीलावतारों और ब्रह्माजी द्वारा भगवद्धाम का दर्शन भी शामिल हैं। तीसरे स्कंध में उद्धवजी और विदुरजी की भेंट, सृष्टि के विभिन्न चरणों का उल्लेख है। चौथे स्कंध में स्वायम्भुव मनु के वंश, सती का योगाग्न में प्रवेश और ध्रुव का चरित्र प्रस्तुत किया गया है। पाँचवे स्कंध में भरतजी का मृग के मोह में पड़कर मृग की योनि में जन्म लेने का वर्णन है। छठे स्कंध में अजामिलोपाख्यान के माध्यम से भगवत धर्म का निरूपण और यमराज के संवाद का उल्लेख है। सातवें स्कंध में हिरण्यकशिपु और प्रह्लाद की कथा है, जबकि आठवें स्कंध में गजेन्द्र मोक्ष और समुद्र मंथन की घटनाएँ शामिल हैं। नवें स्कंध में भगवान श्रीराम की लीलाओं का वर्णन है। अंत में, दसवें स्कंध में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, उनकी बाललीलाओं और मथुरा में प्रवेश का विवरण है। इस प्रकार, यह पाठ भागवत पुराण के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों और शिक्षाओं का सार प्रस्तुत करता है, जो भक्ति और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।


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