दिल्ली सल्तनत (७११ तो १५२६) | Delhi Sultanate (711-1526)

By: आशीर्वादी लाल श्रीवास्तव - Ashirbadi Lal Srivastava


दो शब्द :

इस पाठ में भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीतिक स्थिति और इतिहास पर चर्चा की गई है, विशेषकर सिन्ध पर अरब आक्रमण के समय। यह बताया गया है कि अशोक महान की मृत्यु के बाद, भारत में राजनीतिक एकता का अभाव रहा और देश विभिन्न छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया। सातवीं शताब्दी में जब मुहम्मद साहब ने अपने धर्म का प्रचार किया, उस समय भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक साम्राज्य की नींव रखी जा रही थी। इस काल में, हिमालय से लेकर कुमारी अन्तरीप तक पूरे देश में कोई केंद्रीय शासन नहीं था, जिससे देश के अलग-अलग हिस्सों में स्वतंत्र राजाओं का शासन था। भौगोलिक दृष्टि से भारत चार भागों में विभाजित था: हिमालय के पहाड़ी राज्य, गंगा और सिन्धु के राज्य, दक्षिणी राज्य, और दक्षिणी प्रायद्वीप के राज्य। पाठ में विभिन्न क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है जैसे अफगानिस्तान, कश्मीर, नेपाल, आसाम, गंगा और सिन्धु का मैदान, बंगाल और मालवा। प्रत्येक क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास, राजाओं के उत्थान और पतन, तथा सांस्कृतिक संबंधों के बारे में जानकारी दी गई है। उदाहरण के लिए, कश्मीर में दुलभवर्धन द्वारा स्थापित कारकोटा वंश और गंगा के क्षेत्र में कन्नौज का महत्व बताया गया है। अंत में, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अरबों का आक्रमण भारतीय उपमहाद्वीप पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला था, और विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तन लाने में सहायक रहा।


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