भाषा विज्ञान | Bhasha Vigyan

By: रामकुमार वर्मा - Ramkumar Varma
भाषा विज्ञान | Bhasha Vigyan by


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी में भाषाविज्ञान संबंधी साहित्य की कमी को उजागर किया गया है। लेखक ने इस विषय पर एक पुस्तक लिखने की प्रेरणा का वर्णन किया है, जिसमें उन्होंने विभिन्न विद्वानों के कार्यों और शोधों का उपयोग किया है। प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य हिंदी और अंग्रेजी में साधारण पाठकों तथा उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए आवश्यक सामग्री को एकत्रित करना है। लेखक ने इस जटिल विषय को समझने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों को शामिल किया है और यह आशा व्यक्त की है कि पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस पुस्तक में भाषाविज्ञान की परिभाषा, अध्ययन के विभाग, भाषा की उत्पत्ति, विकास, और विभिन्न भाषाओं का वर्गीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। प्रस्तुत संस्करण में कई नए अध्यायों और उप-भाषाओं को जोड़ा गया है। लेखक ने अपनी पुस्तक के लिए कई मित्रों और विद्वानों का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने उन्हें शोध और लेखन में सहायता की। पाठ का निष्कर्ष यह है कि भाषा एक सामाजिक और सांस्कृतिक वस्तु है, जो निरंतर विकासशील है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *