प्राचीन भारतीय राजनीतिक विचार एवं संस्थाएं | Pracheen Bharat Mein Rajneetik Vichar Evam Sansthayen
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति भारत / India
- लेखक: हरिश्चंद्र शर्मा - Harishchandra Sharma
- पृष्ठ : 551
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1960
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दो शब्द :
प्राचीन भारतीय राजनीति के विचार और संस्थाएं एक महत्वपूर्ण विषय हैं, जिसमें राज्य, संगठन, और विभिन्न पहलुओं पर गहन चिंतन किया गया है। प्राचीन भारतीय आचार्यों के राजनीतिक विचार धार्मिक चिंतन से प्रभावित रहे हैं, और उनके विचारों को वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित नहीं किया गया। विदेशी शासन के कारण भारतीय राजनीतिक विचारों को उचित महत्व नहीं मिला, और कई ग्रंथ विलुप्त हो गए। ब्रिटिश शासन के अंत में जब राष्ट्रीयता की लहर आई, तब भारतीय विद्वानों ने अपने अतीत के गौरव को पुनः खोजने का प्रयास किया, जिससे प्राचीन भारतीय राजनीतिक विचारों का महत्व उजागर हुआ। यह कहा जा सकता है कि प्राचीन भारतीयों ने राजनीति शास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और यदि इसे सही तरीके से अध्ययन किया जाए, तो यह आधुनिक राजनीति शास्त्र को समृद्ध कर सकता है। इस रचना का उद्देश्य राजनीतिक शास्त्र के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्राचीन भारतीय राजनीतिक विचारों और संस्थाओं की जानकारी प्रस्तुत करना है। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए सामग्री शामिल की गई है। रचना में प्राचीन भारतीय राजनीतिक विचारों का परिचय, धर्म और सम्प्रभुता के विचार, राज्य के स्वरूप और कार्य, लोक कल्याणकारी राज्य के सिद्धांत, सम्पत्ति और दंड के सिद्धांत, और प्राचीन भारत में सरकार की प्रकृति का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह अध्ययन प्राचीन भारतीय राजनीति के गौरव को समझने और उसके महत्व को जागरूक करने का प्रयास करता है।
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