काला पानी | Kala Pani
- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel जीवनी / Biography साहित्य / Literature
- लेखक: वीर सावरकर - Veer Savarkar
- पृष्ठ : 358
- साइज: 12 MB
- वर्ष: 1941
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दो शब्द :
यह पाठ "काला पानी" उपन्यास की चर्चा करता है, जिसे वीर सावरकर ने लिखा है। सावरकर को मराठी साहित्य में एक प्रमुख स्थान प्राप्त है और उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से भारतीय जनमानस में राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य की भावना को जागरूक करने का प्रयास किया है। उपन्यास में अंडमान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों के जीवन का चित्रण किया गया है, जहाँ उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कहानी की शुरुआत भारत से होती है, जहाँ पात्र अंडमान की ओर यात्रा कर रहे होते हैं। उपन्यास में मुख्य पात्र माल्ती, उसका पति क्रिशन और उसकी माता रमाबाई के बीच संवाद और उनके जीवन की कठिनाइयों का वर्णन है। माल्ती अपनी माँ से गाने की इच्छा व्यक्त करती है, और इस बीच, रमाबाई अपने दुखों को साझा करती हैं। उपन्यास में भारत के कैदियों के जीवन, अंडमान की जेलों की भयावहता, और सामाजिक मुद्दों का गहन वर्णन किया गया है। सावरकर ने जेल के जीवन के अनुभवों का उपयोग करके एक अद्वितीय कथा प्रस्तुत की है, जिसमें परिवार, प्यार, और मातृत्व की भावनाएँ स्पष्ट होती हैं। उपन्यास का अंत एक नाटकीय मोड़ पर होता है, जब पात्रों की नाव समुद्र में भंवर में फंस जाती है, और यह दर्शाता है कि वे अपनी मातृभूमि के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करने को तैयार हैं। इस प्रकार, "काला पानी" एक संघर्षरत जीवन की कहानी है, जो पाठकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि उन्हें अपने कर्तव्यों और देशभक्ति के प्रति जागरूक भी करती है।
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