लग्न चन्द्रिका | Lagna Chandrika
- श्रेणी: संस्कृत /sanskrit हिंदू - Hinduism
- लेखक: जी डी भरतिया - G. D. Bhartiya
- पृष्ठ : 252
- साइज: 8 MB
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: यह पाठ ज्योतिष शास्त्र, विशेषकर फलित ज्योतिष पर आधारित है। इसमें ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं, जैसे जन्मकुंडली, ग्रहों की स्थिति, राशियों का महत्व, और जन्म के समय के विभिन्न योगों का विश्लेषण किया गया है। लेखक ने फलित ज्योतिष के महत्व को रेखांकित किया है, जो जीवन की घटनाओं और परिस्थितियों का निर्धारण करता है। इस ग्रंथ में विभिन्न ज्योतिषीय चक्रों, जैसे कि लग्नचन्द्रिका, दशा चक्र, और नवांशक चक्र आदि का विवरण है। लेखक ने इस ग्रंथ के माध्यम से पाठकों को ज्योतिष के द्वारा अपने जीवन के निर्णय लेने की प्रेरणा दी है। इसमें विभिन्न राशियों और ग्रहों के फल और उनके प्रभावों पर चर्चा की गई है, साथ ही जन्म समय की विशेषताओं के अनुसार व्यक्ति के जीवन में आने वाले शुभ और अशुभ योगों का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ न केवल विद्वानों के लिए, बल्कि सामान्य लोगों के लिए भी उपयोगी है, जो ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन के मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं। इस ग्रंथ का उद्देश्य पाठकों को ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों को समझाना और उन्हें जीवन में सही निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना है। लेखक ने ज्योतिष के सिद्धांतों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है ताकि हर व्यक्ति इसे समझ सके और अपने जीवन में सही दिशा में कदम बढ़ा सके।
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