देवी पुराण महाभागवत | Devi Purana [ Mahabhagawat ]
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ धार्मिक / Religious साहित्य / Literature हिंदू - Hinduism
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 489
- साइज: 18 MB
- वर्ष: 1975
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दो शब्द :
इस पाठ में देवी-पुराण और उसकी महिमा का वर्णन किया गया है। इसमें देवी दुर्गा, काली, उमा, राधा, सीता, और रुक्मिणी की स्तुति की जाती है। देवी-पुराण का महत्व बताते हुए कहा गया है कि इसे पढ़ने और सुनने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं, जैसे गड्भाजल में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। यह पुराण सभी तीर्थों का सार है और इसके श्रवण से यज्ञ, दान, तप और तीर्थ की सभी पुण्य लाभ प्राप्त होते हैं। पाठ में यह भी बताया गया है कि जो लोग ध्यान और श्रद्धा के साथ पुराण का पाठ करते हैं, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से पुण्य फल मिलता है। पुराण का श्रवण करने से मोक्ष के मार्ग की प्राप्ति होती है। इसीलिए, पुराण को सुनना और पढ़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे श्रद्धा के साथ करना चाहिए ताकि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो सके। अंत में, पाठ में पुराण के विशेष संस्करण और सदस्यता की जानकारी दी गई है, साथ ही इसके प्रकाशन और वितरण की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
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