द़ महाभारतः | The Mahabharata

By: विष्णु एस. सुकथनकर - Vishnu S. Sukthankar
द़ महाभारतः | The Mahabharata by


दो शब्द :

यह पाठ महाभारत के यक्ष युद्ध पर्व से संबंधित है, जिसमें पाण्डवों की कठिनाइयों और उनके साहस का वर्णन किया गया है। कथा में युधिष्ठिर, जो पाण्डवों के सबसे बड़े भाई हैं, को यक्ष से प्रश्न पूछे जाते हैं। यक्ष, जो एक अदृश्य प्राणी है, पाण्डवों को विभिन्न कठिन प्रश्नों के माध्यम से परीक्षा में डालता है। पाठ में यह भी उल्लेख है कि पाण्डव विभिन्न पर्वतों और जंगलों से गुजरते हैं, जहां उन्हें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और प्राकृतिक सौंदर्य का सामना करना पड़ता है। वे कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देकर युधिष्ठिर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया और अपनी धर्मिकता को साबित किया। युधिष्ठिर का यह साहस और ज्ञान इस कथा का मुख्य आकर्षण है, जो दर्शाता है कि कठिन समय में भी सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए। इस प्रकार, यह पाठ न केवल पाण्डवों के साहस की कहानी है, बल्कि सत्य, धर्म, और ज्ञान की महत्ता को भी दर्शाता है।


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