आधुनिक पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान | Aadhunik Pashupalan Avam dugd Vigyan
- श्रेणी: Homoeopathic and Medical Sciences | होमियोपैथिक और चिकित्सा विज्ञान / Science
- लेखक: रामअवतार पोरवाल - Ramavtar Porwal
- पृष्ठ : 294
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1990
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दो शब्द :
पशुपालन और दुग्ध विज्ञान का अध्ययन मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आदिकाल से ही पशुपालन मानव के लिए उदरपूर्ति और जीविकापार्जन का मुख्य स्रोत रहा है। कृषि में पशुओं का योगदान समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे यह विषय उच्च माध्यमिक कक्षा में शामिल किया गया है। विज्ञान ने पशुपालन में कई उन्नत नस्लों और उनके पालन-पोषण की तकनीकें विकसित की हैं, लेकिन इन जानकारियों को फैलाने के लिए साहित्य की कमी है। इसी कमी को पूरा करने के लिए "पशुपालन तथा दुग्ध उद्योग" पुस्तक प्रस्तुत की गई है, जो छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। पुस्तक में पशुपालन के महत्व, विभिन्न नस्लों, उनकी देखभाल, आहार और चिकित्सा संबंधी जानकारियों को समाहित किया गया है। इसमें जानवरों के प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन, और पशु स्वास्थ्य की रक्षा से संबंधित विषयों का विस्तृत विवरण है। इसके साथ ही, पुस्तक में दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता, सफाई और परीक्षण की प्रक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला गया है। लेखक ने इस पुस्तक को तैयार करने में सहकर्मियों और छात्रों से मिली प्रेरणा और सहयोग का आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा, पुस्तक के प्रकाशन में योगदान देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया गया है। लेखक को विश्वास है कि यह पुस्तक न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पशुपालकों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
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