यौन व्यवहार अनुशीलम | Yaun Vayvhar Anushilam
- श्रेणी: इतिहास / History धार्मिक / Religious
- लेखक: दयानंद वर्मा - Dayanand Varma
- पृष्ठ : 240
- साइज: 3 MB
- वर्ष: 1970
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दो शब्द :
पाठ में विभिन्न मतों का उल्लेख किया गया है, जिसमें यौन प्रवृत्तियों और उनके सामाजिक प्रभावों का विश्लेषण किया गया है। पहले मत में यौन निष्कासन को एक गंभीर मुद्दा माना गया है, जो जीवन के लिए घातक हो सकता है। दूसरे मत में यौन प्रवृत्तियों को एक सहज और स्वाभाविक प्रक्रिया के रूप में देखा गया है, जिसका निष्कासन भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। पुस्तक का उद्देश्य यौन व्यवहार और उसकी सामाजिक धाराओं को समझना है। इसमें यौन प्रवृत्तियों, उनके अनुकूलन और उनके पीछे की मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं का विवेचन किया गया है। दयानंद वर्मा ने इस पुस्तक में यौन संबंधों और समाज में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की है। विभिन्न अध्यायों में यौन सुख, उसकी प्राप्ति के उपकरण, और यौन व्यवहार पर सामाजिक प्रभावों का भी उल्लेख किया गया है। यह पुस्तक यौन शिक्षा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो यौन प्रवृत्तियों को समझने और उन पर विचार करने का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। आखिर में, पुस्तक में यौन संबंधों, प्रेम, और मानव प्रवृत्तियों के मूल कारणों को खोजने का प्रयास किया गया है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े हैं।
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