श्रीमद्भागवत | Shrimadbhagvat

By: श्री महर्षि वेदव्यास - shree Maharshi Vedvyas


दो शब्द :

इस पाठ में भगवान श्रीकृष्ण की सुंदरता और दिव्यता का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण का वर्णन करते हुए कहा गया है कि उनके कोमल हाथ और सुरम्य मुख दिव्य सौंदर्य से भरे हुए हैं। उनके पीठ की सुंदरता चंद्रमा की तरह है, और उनकी आंखें कमल के फूल जैसी हैं। पाठ में यह भी उल्लेख है कि श्रीकृष्ण के रूप की तुलना किसी अन्य व्यक्ति से नहीं की जा सकती, क्योंकि वे अद्वितीय हैं। इसके अलावा, पाठ में भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का वर्णन किया गया है। विभिन्न घटनाओं और प्रसंगों का उल्लेख करते हुए, पाठ में भगवान की महिमा और उनके द्वारा भक्तों की रक्षा तथा उद्धार का भी उल्लेख है। इस प्रकार, पाठ में भगवान श्रीकृष्ण की अनन्त विशेषताओं, उनके दिव्य रूप, और भक्तों के प्रति उनके प्रेम का सारांश प्रस्तुत किया गया है।


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