ज्योतिष शास्त्र | Jyotish Shastra

By: दुर्गाप्रसाद खेतान - Durgaprasad Khetan
ज्योतिष शास्त्र | Jyotish Shastra by


दो शब्द :

इस पाठ में ज्योतिष शास्त्र और उसके संबंध में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। इसमें ज्योतिष शास्त्र की सरलता और उसकी उपयोगिता को दर्शाया गया है। पाठ में बताया गया है कि ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन करने के लिए इसकी मूल बातें समझनी आवश्यक हैं, ताकि सामान्य लोग भी इसे समझ सकें। पुस्तिका में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है, जैसे पृथ्वी और उसकी गति, चंद्रमा, सूर्य, और अन्य ग्रहों का परिचय। यह बताया गया है कि पृथ्वी गोल है और इसके गोल होने के कारणों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाने का प्रयास किया गया है। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन भूगोल, ज्यामिति और विज्ञान से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, पाठ में विभिन्न नाटकों और साहित्यिक संग्रहों का भी उल्लेख है, जो भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण हैं। अंत में, पाठक को यह समझाने का प्रयास किया गया है कि ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान केवल एक शास्त्र नहीं, बल्कि जीवन के कई पहलुओं को समझने का एक माध्यम है। इस प्रकार, पाठ ज्योतिष शास्त्र, उसके अध्ययन और उसके विविध पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिससे पाठक इसे सरलता से समझ सकें।


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