क्यूँ मुस्कुराये बुद्ध | KYOON MUSKURAYE BUDDHA
- श्रेणी: बाल पुस्तकें / Children बौद्ध / Buddhism
- लेखक: आबिद सुरति - Aabid Surati पुस्तक समूह - Pustak Samuh
- पृष्ठ : 39
- साइज: 3 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में बुद्ध के जीवन, उनके शिक्षाओं और उनके प्रभाव की चर्चा की गई है। बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में हुआ था और उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। उन्होंने जीवन के दुखों और समस्याओं को समझने के लिए घर छोड़ दिया और ध्यान साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया। बुद्ध ने चार आर्य सत्यों और अष्टांगिक मार्ग की शिक्षा दी, जो दुखों के अंत और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताते हैं। बुद्ध की शिक्षाएँ करुणा, अहिंसा और संतुलित जीवन पर आधारित हैं। उन्होंने जाति, वर्ग और सामाजिक भेदभाव से परे जाकर सभी को समान माना। उनके अनुयायियों ने उनकी शिक्षाओं को फैलाया और बौद्ध धर्म का विकास हुआ। बुद्ध के विचारों का प्रभाव न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी फैला, जहाँ बौद्ध धर्म को अपनाया गया। उन्होंने जो मार्ग दिखाया, वह आज भी मानवता के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इस प्रकार, बुद्ध का जीवन और उनकी शिक्षाएँ हमें मानसिक शांति, करुणा और मानवता के प्रति जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाती हैं।
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