यूरोप का इतिहास भाग १ | Europe Ka Itihas Part-1

By: विधार्थी - Student
यूरोप का इतिहास  भाग १  | Europe Ka Itihas Part-1 by


दो शब्द :

इस पाठ में इतिहास के महत्व, विशेषकर यूरोप के इतिहास के अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। लेखक ने यह बताया है कि किसी भी जाति या देश के विकास में उसका इतिहास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्राचीन इतिहास की समझ और उसके संरक्षण के बिना कोई भी जाति अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सफल नहीं हो सकती। लेखक ने उदाहरण दिया है कि अमेरिका में जब यूरोपवासी पहुंचे, तब वहां एक शिक्षित और समृद्ध जाति निवास करती थी, लेकिन उनके इतिहास की अनदेखी के कारण वे धीरे-धीरे मिट गए। साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया है कि कई देशों ने अपने प्राचीन इतिहास को संजोकर रखा, जबकि अन्य देशों ने इसे भुला दिया, जिससे उनकी अवनति हुई। हिंदी साहित्य में इतिहास के क्षेत्र में अभी भी बहुत कमी है, और लेखक ने इस संदर्भ में भारतीय इतिहास के संरक्षण और अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि केवल एक या दो पुस्तकें पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि सभी भाषाओं के विद्वानों को मिलकर कार्य करना होगा। यूरोप के इतिहास का अध्ययन करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है। यह बताया गया है कि यूरोप का इतिहास न केवल राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के लिए भी प्रेरणादायक है, खासकर जब भारत एक राष्ट्र के रूप में एकजुट हो रहा है। अंत में, लेखक ने यह कहा है कि भारतीय नागरिकों को अपनी स्थिति के प्रति जागरूक करना और उनमें राष्ट्रीयता की भावना विकसित करना आवश्यक है, और इसके लिए यूरोपीय इतिहास का अध्ययन एक प्रभावी साधन हो सकता है।


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