जीवन में सफलता के रहस्य और आत्म दर्शन | Jivan Me Safalta Ka Rahasya Aur Atma Darshan
- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता इतिहास / History
- लेखक: श्री स्वामी शिवानन्द सरस्वती - Shri Swami Shivanand Sarasvati
- पृष्ठ : 480
- साइज: 16 MB
- वर्ष: 1981
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दो शब्द :
इस पाठ में सफलता के रहस्यों का वर्णन किया गया है, जिसमें जीवन के उद्देश्य, साधना की विधियाँ और आत्मा की पहचान पर जोर दिया गया है। पाठ में यह बताया गया है कि जो लोग अपने जीवन में महत्वाकांक्षाएं रखते हैं और जिनके पास सदाचार का प्रभाव है, वे सफल होने के लिए आत्म-विश्लेषण और साधना करें। इसमें ध्यान और प्राणायाम के महत्व को रेखांकित किया गया है, जो मानसिक शांति और आत्मा के साक्षात्कार के लिए आवश्यक हैं। पाठ में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को अपने इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और सद्गुणों का विकास करना चाहिए। इसके अलावा, आत्मा की अमरता और देह से परे की पहचान के बारे में भी जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया है। लेखक ने यह भी कहा है कि मनुष्य को अपनी सोच और इच्छाओं पर नियंत्रण पाने के लिए साधना करनी चाहिए, जिससे वह अपने सच्चे स्वरूप को पहचान सके। पाठ में यह संदेश दिया गया है कि आत्मा अजर और अमर है, और भौतिक वस्तुओं से परे जाकर ही सच्ची सफलता प्राप्त की जा सकती है। अंत में, पाठ में योग और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से आत्मा का अनुभव करने और जीवन में संतुलन बनाने के लिए प्रेरित किया गया है। यह जीवन को एक उद्देश्य की ओर ले जाने का मार्ग बताता है, जिसमें हर व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचान सकता है और उसे विकसित कर सकता है।
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