राम चन्द्रिका | Ram Chandrika
- श्रेणी: ग्रन्थ / granth भक्ति/ bhakti महकाव्य / mahakavya
- लेखक: जानकीप्रसाद - Jankiprasad
- पृष्ठ : 269
- साइज: 46 MB
- वर्ष: 1964
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दो शब्द :
इस पाठ में रामचन्द्रिका की महिमा और केशवदास की काव्य रचना का वर्णन किया गया है। लेखक ने रामचन्द्रिका को एक अद्भुत काव्य बताया है, जिसमें रामचन्द्र जी का चरित्र अत्यंत सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है। यह काव्य पाठक को आनंद और मुक्ति दोनों प्रदान करता है। केशवदास की कविता कठिन और ललित है लेकिन इसकी टीका इतनी सरल और मनोहर है कि कोई भी इसे समझ सकता है। रामचन्द्र जी के चरित्र के साथ-साथ, काव्य की प्रस्तुति भी उत्कृष्ट है, जिससे पाठक संतुष्ट होते हैं। लेखक का मानना है कि इस काव्य का प्रकाश पूरे संसार में फैल जाएगा और लोग इसके गुणों का अनुभव करेंगे। पाठ में रामचन्द्रिका की विषयानुक्रमणिका भी दी गई है, जिसमें काव्य के विभिन्न प्रकाशनों का उल्लेख किया गया है। इस न्याय में, पाठक को रामकथा के विभिन्न अध्यायों और घटनाओं का विवरण मिलता है, जो रामायण की कथा को संपूर्णता में समझने में मदद करता है। कुल मिलाकर, यह पाठ रामचन्द्रिका की गहराई, उसकी सुंदरता और उसकी मूल्यवानता को उजागर करता है, जो पाठक को रामचन्द्र जी के चरित्र में लीन कर देती है।
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