बेगम का तकिया | Begam ka takiya
- श्रेणी: नाटक/ Drama साहित्य / Literature हिंदी / Hindi
- लेखक: आनंद कुमार - Anand Kumar
- पृष्ठ : 303
- साइज: 87 MB
- वर्ष: 1986
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दो शब्द :
इस पाठ में "बेगम का तकिया" नामक उपन्यास का परिचय और उसके विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है। लेखक आनंदकुमार ने इस उपन्यास के माध्यम से समाज, मानवीय भावनाओं और संघर्षों को एक अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया है। दरियाशाह का चरित्र इस कहानी का केंद्रीय बिंदु है, जो ऊंचे टीले पर निवास करता है और उसके माध्यम से विभिन्न पात्रों की कहानियां और उनकी जीवन की जटिलताएं उजागर होती हैं। कहानी में लोभ, मोह, वासना और मानवीय इच्छाओं के बीच की खींचतान को दर्शाया गया है। लेखक ने पात्रों को प्रतीकात्मक रूप में प्रस्तुत किया है, जैसे कि पीरअली, अमीना, और ऐशबेगम। उपन्यास की पृष्ठभूमि एक ऐतिहासिक गांव है, जहां राज-मिस्त्री और श्रमिक अपने जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करते हैं। लेखक ने इस उपन्यास को लिखने के पीछे की प्रेरणा और अपने अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने बताया है कि यह रचना न केवल उनकी व्यक्तिगत भावनाओं का प्रतिफल है, बल्कि समाज की वास्तविकताओं का भी दर्पण है। उपन्यास के विभिन्न संस्करणों में पाठकों और विद्वानों की प्रतिक्रियाएं भी शामिल हैं, जो इस रचना की गहराई और प्रभाव को दर्शाती हैं। अंत में, लेखक ने पाठकों और विद्वानों के प्रति आभार प्रकट किया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में इस रचना का उर्दू में अनुवाद करने की कोशिश करेंगे। उपन्यास ने पाठकों के जीवन दृष्टिकोण को प्रभावित किया है और इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करने का अवसर प्रदान किया है।
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