व्यावहारिक पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान | Applied Animal Husbandry and Veterinary science
- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Homoeopathic and Medical Sciences | होमियोपैथिक और चिकित्सा
- लेखक: राम औतार द्विवेदी - Ram Autar Dwivedi
- पृष्ठ : 439
- साइज: 136 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में व्यावहारिक पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान के महत्व पर चर्चा की गई है। लेखक डॉ. राम औतार द्विवेदी ने बताया है कि पशुधन मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, विशेषकर आज के विकासशील युग में। हरित क्रांति के साथ-साथ श्वेत क्रांति का भी महत्व बढ़ा है, जो दूध, अंडा और मांस के उत्पादन में सहायक है। भारत में पशुओं की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन उत्पादन क्षमता कम है, जिसका मुख्य कारण कुपोषण, अच्छी नस्लों का अभाव और पशु महामारियों का प्रकोप है। कृषि प्रधान देश होने के नाते, पशुओं का कृषि कार्य में भी योगदान है। इसके अलावा, पशुपालन से हमें ऊन, दूध, मांस, और अन्य उत्पाद मिलते हैं, जो अर्थव्यवस्था में सुधार में सहायक होते हैं। लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से पशुधन उत्थान का प्रयास किया है, जिससे न केवल पशुपालकों बल्कि छात्रों को भी जानकारी मिलेगी। यह पुस्तक विभागीय संस्थाओं के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। डॉ. द्विवेदी ने इस पुस्तक को लिखने में कई वर्ष बिताए और इसमें पशुपालन तथा पशु चिकित्सा से संबंधित सभी विषयों का संक्षेप में उल्लेख किया है। इस प्रकार, पाठ में पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान के व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता और महत्व को रेखांकित किया गया है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ होगा।
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