हिंदी पर्यायवाची कोश | Hindi Paryayvachi Kosh

By: डॉ भोलानाथ तिवारी - Dr. Bholanath Tiwari
हिंदी पर्यायवाची कोश | Hindi Paryayvachi Kosh by


दो शब्द :

इस पाठ में भाषा, शब्द और पर्यायवाची शब्दों की महत्वपूर्णता पर चर्चा की गई है। लेखक ने बताया है कि समय के साथ-साथ समाज और संस्कृति में बदलाव के कारण शब्दों के अर्थ भी बदलते रहते हैं। भाषा का शब्द भंडार प्रारंभ में सीमित था, लेकिन सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ-साथ यह समृद्ध हुआ। इस प्रक्रिया में कुछ शब्दों को नए रूप में ग्रहण किया गया और कुछ शब्दों के पर्यायवाची रूप विकसित हुए। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि किसी भी भाषा की समृद्धि में शब्दों के पर्यायों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। पर्यायवाची शब्द एक ही अर्थ को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे शब्दों का उपयोग अधिक प्रभावी और सूक्ष्म हो जाता है। डॉ. भोलानाथ तिवारी के द्वारा रचित "हिंदी पर्यायवाची कोश" का उल्लेख करते हुए लेखक ने बताया है कि यह कोश उन शब्दों का चयन करता है जो हिंदी भाषा में व्यावहारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। डॉ. तिवारी ने वर्षों तक इस कोश पर काम किया और भाषा की समृद्धि में योगदान दिया। कोश में शब्दों को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे उपयोगकर्ता को आसानी से जानकारी प्राप्त हो सके। अंत में, पाठ में यह स्पष्ट किया गया है कि एक रचनात्मक लेखक के लिए सही शब्दों का चयन करना कितना महत्वपूर्ण होता है, और पर्यायवाची कोश एक सहायक उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह विशेष रूप से शिक्षकों, छात्रों और भाषा प्रेमियों के लिए उपयोगी है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *