भारतीय समाज | Bhartiya Samaj

By: राम आहूजा - Ram Ahuja


दो शब्द :

यह पाठ भारतीय समाज पर आधारित एक पुस्तक का प्रारंभिक अंश है, जिसमें लेखक राम आहूजा ने भारतीय समाज की संरचना और उसके विभिन्न पहलुओं की चर्चा की है। पुस्तक में भारतीय समाज के ऐतिहासिक परिदृश्य, परंपरागत सामाजिक संगठनों, जाति व्यवस्था, परिवार और विवाह की व्यवस्थाओं, आर्थिक और राजनीतिक ढांचे, शिक्षा प्रणाली, जनजातीय समाज, ग्रामीण और नगरीय सामाजिक संगठन, जनसंख्या गतिशीलता, भ्रष्टाचार, काला धन, तस्करी, और सामाजिक परिवर्तन जैसे विषयों का विश्लेषण किया गया है। लेखक ने बताया है कि यह पुस्तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी सामग्री प्रदान करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें समाजशास्त्र, इतिहास और अन्य समाज विज्ञानों के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश की गई है और आधुनिक समाज में आए परिवर्तनों को भी शामिल किया गया है। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि समाज में समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों का मूल्यांकन आवश्यक है, ताकि समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को सुना जा सके। इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को भारतीय समाज की संरचना, उसकी परंपराओं और आधुनिकता के बीच के जटिल संबंधों को समझाने में मदद करना है। लेखक ने समाज में विभिन्न व्यवस्थाओं की कार्यशीलता का गहन विश्लेषण किया है और पाठक को यह समझाने का प्रयास किया है कि भारतीय समाज लगातार बदल रहा है और इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, लेखक ने अपनी पूर्ववर्ती पुस्तकों का संदर्भ देते हुए इस पुस्तक में सामयिक आंकड़ों और विषयों का पुनरीक्षण किया है। अंत में, लेखक ने पुस्तक के लेखन में सहयोग करने वाले व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया है और पाठकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।


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